युद्ध और मानवता (War and Humanity): विनाश के बाद बचती सिर्फ चीखें
परिचय: जब बंदूकें बोलती हैं, तो इंसानियत चुप हो जाती है युद्ध कभी किसी समस्या का समाधान नहीं रहा, फिर भी इंसान इसे बार-बार दोहराता है। जब दो देश आमने-सामने होते हैं, तो उनका लक्ष्य एक-दूसरे को हराना नहीं होता, बल्कि मानवता को कुचल देना होता है। युद्ध और मानवता एक-दूसरे के विपरीत खड़े शब्द … Read more