भारतीय टेस्ट क्रिकेट के एक मजबूत स्तंभ Cheteshwar Pujara एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम इंडिया की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं, और इसी के साथ एक बड़ा सवाल उठता है—क्या Cheteshwar Pujara को एक और मौका मिलेगा?
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समय का पहिया फिर घूमा है
Cheteshwar Pujara, जिनका करियर कभी विराट कोहली, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे जैसे दिग्गजों के साथ टेस्ट क्रिकेट का आधार रहा, आज खुद टीम इंडिया में वापसी के इंतजार में हैं। अब जब कोहली, रोहित और अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट से दूरी बना रहे हैं, और मोहम्मद शमी चोटिल हैं, तो यह समय है जब भारत को अनुभव और स्थिरता की जरूरत है—वह भी इंग्लैंड जैसी कठिन परिस्थितियों में।

“मैं तैयार हूँ”: Pujara का स्पष्ट संदेश
हाल ही में एक इंटरव्यू में Cheteshwar Pujara ने कहा, “मैं तैयार हूँ। मुझे नहीं पता कि चयनकर्ता मुझे लेंगे या नहीं, लेकिन अगर मौका मिला, तो देश के लिए खेलना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।” यह बयान न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि इस बात की ओर भी इशारा करता है कि वे आज भी क्रिकेट में पूरी तरह सक्रिय और मानसिक रूप से तैयार हैं।
क्या टीम इंडिया को फिर चाहिए Pujara?
जब बात इंग्लैंड की आती है, तो वहाँ की पिचें तेज गेंदबाज़ों को मदद करती हैं और बल्लेबाज़ों की परीक्षा लेती हैं। वहाँ अनुभव की भूमिका और भी अहम हो जाती है। पिछले कुछ वर्षों में, Cheteshwar Pujara ने इंग्लैंड में कई महत्वपूर्ण पारियाँ खेली हैं। उनके क्रीज पर टिके रहने की क्षमता, धैर्य और क्लासिकल टेस्ट तकनीक उन्हें युवा खिलाड़ियों से अलग बनाती है।
Pujara का सुझाव: कौन हो भारत की टॉप 4 बल्लेबाज़ी?
एक अन्य चर्चा में Cheteshwar Pujara ने टीम इंडिया की संभावित बल्लेबाज़ी क्रम पर भी राय दी। उनके अनुसार:
- ओपनर: यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल
- नंबर 3: शुभमन गिल
- नंबर 4: अभिमन्यु ईश्वरन
यह सुझाव दिखाता है कि Pujara सिर्फ खुद की वापसी की बात नहीं कर रहे, बल्कि टीम के संतुलन और भविष्य को लेकर भी सोच रहे हैं।
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युवाओं के लिए मार्गदर्शक बन सकते हैं Pujara

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि Cheteshwar Pujara अब उम्र के उस पड़ाव पर हैं जहाँ टीम उन्हें हमेशा के लिए नहीं देख सकती, लेकिन इंग्लैंड जैसे कठिन दौरे में, वे युवा खिलाड़ियों के लिए एक मार्गदर्शक और अनुभव का स्तंभ बन सकते हैं। शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों के लिए यह श्रृंखला बड़ी परीक्षा होगी, और Pujara जैसा साथी उन्हें स्थिरता देने का काम कर सकता है।
क्या चयनकर्ता तैयार हैं बदलाव के बीच संतुलन साधने को?
भारत की टेस्ट टीम फिलहाल बदलाव के दौर में है। नए कप्तान, युवा चेहरों और बदलते संयोजन के बीच एक ऐसा खिलाड़ी जो विदेशी पिचों पर टेस्ट खेलने का अनुभव रखता है, वह टीम के लिए पूंजी साबित हो सकता है। Cheteshwar Pujara ना सिर्फ खेल सकते हैं, बल्कि टीम के युवाओं को गाइड भी कर सकते हैं।
एक और मौका बनाम भविष्य की योजना
चयनकर्ताओं के सामने यही सबसे बड़ा सवाल है—क्या एक अनुभवी खिलाड़ी को फिर मौका दिया जाए या भविष्य के लिए युवाओं पर भरोसा रखा जाए? लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि हर बदलाव के साथ थोड़ा संतुलन जरूरी होता है। और Cheteshwar Pujara जैसा खिलाड़ी वही संतुलन देने में सक्षम है।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर भी Cheteshwar Pujara की वापसी को लेकर फैंस दो धड़ों में बंटे हुए हैं। कुछ कहते हैं कि अब समय नए खिलाड़ियों का है, जबकि कई लोग मानते हैं कि इंग्लैंड जैसे कठिन दौरे के लिए अनुभव का कोई विकल्प नहीं है। Pujara का शांत स्वभाव, तकनीकी क्षमता और विदेशी पिचों पर खेलने का अनुभव उन्हें इस बहस में प्रासंगिक बनाता है।
Cheteshwar Pujara की टेस्ट क्रिकेट हिस्ट्री: एक भरोसेमंद दीवार की कहानी

Cheteshwar Pujara का टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐसे दौर की याद दिलाता है जब तकनीक, धैर्य और क्लासिकल बल्लेबाज़ी को सर्वोच्च स्थान दिया जाता था। जब भी भारत को किसी मुश्किल टेस्ट मैच में एक स्थिर बल्लेबाज़ की जरूरत होती थी, Cheteshwar Pujara एक चट्टान की तरह सामने आए।
टेस्ट डेब्यू: शुरुआत सौराष्ट्र से शिखर तक
Cheteshwar Pujara ने टेस्ट डेब्यू 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में किया। उस मैच में उन्होंने दूसरी पारी में 72 रनों की शानदार पारी खेलकर टीम इंडिया की जीत में योगदान दिया। उस समय से ही यह साफ हो गया था कि भारत को राहुल द्रविड़ के बाद एक ऐसा बल्लेबाज़ मिल गया है जो “दीवार” की भूमिका निभा सकता है।
कुल टेस्ट मैच और आंकड़े (2024 तक)
- कुल टेस्ट मैच: 103
- कुल रन: 7,195
- औसत: 43.60
- शतक: 19
- अर्धशतक: 35
- सर्वोच्च स्कोर: 206* (Against England)
- डबल सेंचुरीज़: 3
इन आंकड़ों से साफ है कि Cheteshwar Pujara ने लंबे समय तक भारत की टेस्ट बल्लेबाज़ी की रीढ़ बने रहने का काम किया है।
इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में प्रदर्शन
जब बात विदेशी पिचों की आती है—जहां तेज गेंदबाज़ों की मदद वाली पिचें बल्लेबाज़ों के लिए जाल बिछाती हैं—वहाँ Cheteshwar Pujara ने खुद को साबित किया है।
- ऑस्ट्रेलिया 2018-19 में, उन्होंने 4 मैचों में 521 रन बनाए, जिसमें 3 शतक शामिल थे। यह सीरीज़ भारत के इतिहास की सबसे बड़ी विदेशी जीतों में से एक थी और Pujara को ‘मैन ऑफ द सीरीज़’ चुना गया।
- इंग्लैंड में भी उन्होंने कई अहम पारियाँ खेलीं, खासकर 2014 और 2021 में, जब भारतीय बल्लेबाज़ संघर्ष कर रहे थे।
सबसे कठिन बल्लेबाज़ी शैली: समय और विकेट की कद्र
जहाँ आजकल के बल्लेबाज़ T20 स्टाइल में आक्रामक रुख अपनाते हैं, वहीं Cheteshwar Pujara का अंदाज़ एकदम अलग है। उन्होंने अपनी पारियों में सैकड़ों गेंदें खेलीं, समय लिया, और विपक्षी गेंदबाज़ों को थकाया।
एक उदाहरण है 2017 का रांची टेस्ट (vs ऑस्ट्रेलिया), जहाँ उन्होंने 525 गेंदों में 202 रन बनाए—भारतीय टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा गेंदें खेलने वाली पारी।
आलोचना और वापसी
बीच-बीच में जब उनका स्ट्राइक रेट कम हुआ, या लंबे समय तक शतक नहीं आए, तो Cheteshwar Pujara को आलोचना झेलनी पड़ी। कई बार उन्हें टीम से बाहर भी किया गया, लेकिन हर बार उन्होंने रणजी ट्रॉफी या काउंटी क्रिकेट में रन बनाकर वापसी की।
काउंटी क्रिकेट में प्रदर्शन
Cheteshwar Pujara ने इंग्लैंड की काउंटी टीम Sussex के लिए भी शानदार प्रदर्शन किया है। 2022 में उन्होंने Sussex के लिए कुछ शानदार दोहरे शतक जमाए, जिससे उनके विदेशी पिचों पर खेलने की क्षमता और अनुभव को और मजबूती मिली।
Pujara – टेस्ट क्रिकेट के असली प्रतिनिधि
आज के जमाने में जहाँ तेज़ रन और फैंसी शॉट्स को प्राथमिकता दी जाती है, वहाँ Cheteshwar Pujara जैसे खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट की आत्मा को जीवित रखते हैं। उनका करियर सिर्फ आंकड़ों से नहीं, बल्कि धैर्य, समर्पण और सच्चे क्रिकेटिंग जज़्बे से भरा हुआ है।
अगर भारत को इंग्लैंड जैसी कठिन टेस्ट सीरीज़ में सफल होना है, तो Cheteshwar Pujara जैसा खिलाड़ी एक बार फिर भारत की “दीवार” बन सकता है।
निष्कर्ष: क्या फिर गूंजेगी Pujara की क्लास?
क्रिकेट सिर्फ रन बनाने का खेल नहीं, यह मानसिक स्थिरता, अनुभव और परिस्थितियों को समझने का भी खेल है। Cheteshwar Pujara इन सभी में माहिर हैं। अगर चयनकर्ता संतुलन चाहते हैं—नए और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण—तो उन्हें एक बार फिर Cheteshwar Pujara पर भरोसा करना होगा।
टीम इंडिया के लिए यह टेस्ट सीरीज सिर्फ एक दौरा नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने का मौका है। और इस दिशा में Pujara की मौजूदगी एक अनुभवी कम्पास साबित हो सकती है।
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3 thoughts on “Cheteshwar Pujara: क्या इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में फिर मिलेगा टीम इंडिया का भरोसा?”