10 Traditional Games of India: बचपन के खेल हमारी संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा होते हैं। ये न केवल मनोरंजन प्रदान करते हैं बल्कि बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में भी सहायक होते हैं। आधुनिक युग में मोबाइल और वीडियो गेम्स ने पारंपरिक खेलों को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन ये खेल हमारी भारतीय जड़ों से जुड़े हुए हैं। इस लेख में हम भारत और खासतौर पर गुजरात में खेले जाने वाले कुछ प्रमुख पारंपरिक खेलों के बारे में जानेंगे।
Table of Contents
10 Traditional Games of India
चलिए जानते हैं 10 Traditional Games of India के बारे में जो हमारे बचपन की खट्टी मीठी यादें बन के रह चुकी हे.
1. गिल्ली डंडा

यह खेल पूरे भारत में बेहद लोकप्रिय रहा है। इसे क्रिकेट का देसी संस्करण भी कहा जाता है। इस खेल में एक छोटी लकड़ी (गिल्ली) और एक लंबी लकड़ी (डंडा) का उपयोग किया जाता है। खिलाड़ी डंडे से गिल्ली को उछालते हैं और उसे जितनी दूर हो सके मारते हैं। यह खेल प्रतिक्रिया क्षमता, संतुलन और गणना करने की क्षमता को बढ़ाता है।
2. सातोलिया (पिट्ठू)
इस खेल को गुजरात और अन्य राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। सातोलिया में सात छोटे पत्थरों को एक के ऊपर एक रखा जाता है और एक खिलाड़ी गेंद से उन पर निशाना साधता है। पत्थर गिरने के बाद, एक टीम उन्हें दोबारा जोड़ने की कोशिश करती है, जबकि दूसरी टीम उन्हें रोकने के लिए गेंद फेंकती है। यह खेल टीम वर्क और फुर्ती को बढ़ाने में सहायक होता है।
3. कंचे (गोली खेल)

कंचे खेलना हर बच्चे का पसंदीदा खेल हुआ करता था। इसमें कांच की गोलियों (कंचों) से निशाना साधकर दूसरे कंचों को हिट किया जाता था। यह खेल बच्चों की गणना करने की क्षमता और ध्यान केंद्रित करने की आदत को विकसित करता है।
4. खो-खो
यह एक टीम गेम है जिसमें तेजी और चपलता की आवश्यकता होती है। इसमें एक टीम के खिलाड़ी दूसरी टीम के खिलाड़ियों को छूकर आउट करने की कोशिश करते हैं। यह खेल बच्चों में सहनशक्ति, फुर्ती और टीम भावना को बढ़ाता है।
5. लंगड़ी टांग
यह खेल छोटे बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय होता था। इसमें एक पैर उठाकर दूसरे पैर से कूदते हुए भागना होता था। यह खेल संतुलन और सहनशक्ति को मजबूत करता है।
6. छुपन-छुपाई (लुका-छुपी)
यह खेल अब भी बच्चों के बीच काफी प्रचलित है। इसमें एक खिलाड़ी आँखों पर पट्टी बांधकर या गिनती करते हुए खड़ा रहता है, जबकि बाकी खिलाड़ी छुप जाते हैं। फिर उस खिलाड़ी को उन्हें ढूंढना होता है। यह खेल बच्चों में समस्या सुलझाने की क्षमता और त्वरित निर्णय लेने की योग्यता को बढ़ावा देता है।
7. सांप सीढ़ी (Snakes and Ladders)
“सांप सीढ़ी” एक प्राचीन भारतीय बोर्ड गेम है, जिसे अंग्रेजी में “स्नेक्स एंड लैडर्स” कहते हैं। यह खेल भाग्य पर आधारित होता है और इसमें पासा फेंककर खिलाड़ी बोर्ड पर आगे बढ़ते हैं। यदि खिलाड़ी सीढ़ी वाले स्थान पर पहुंचता है, तो वह ऊपर चढ़ जाता है, जबकि अगर वह साँप वाले स्थान पर पहुंचता है, तो नीचे गिर जाता है। यह खेल धैर्य, किस्मत और गणना की क्षमता को विकसित करता है।
8. रस्सी कूद (डोरी कूदना)
यह खेल लड़कियों के बीच खासा लोकप्रिय हुआ करता था। इसमें रस्सी को घुमाकर उसके ऊपर से कूदना होता था। यह खेल शारीरिक व्यायाम के लिए बहुत उपयोगी है और स्टैमिना को भी बढ़ाता है।
9. अटक-बटक (क्लास खेल)
इसे अंग्रेजी में ‘हॉपस्कॉच’ भी कहा जाता है। इसमें ज़मीन पर एक विशेष आकृति बनाई जाती है और एक पैर से कूदते हुए उसे पार करना होता है। यह खेल संतुलन, गणना और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है।
10. कबड्डी
कबड्डी एक पारंपरिक भारतीय खेल है जिसे आज भी बड़े स्तर पर खेला जाता है। इसमें एक खिलाड़ी को विपक्षी टीम के क्षेत्र में जाकर उन्हें छूकर वापस आना होता है, बिना अपनी सांस रोके। यह खेल ताकत, रणनीति और सहनशक्ति को विकसित करता है।
कुछ और मजेदार खेल
ये थे कुछ 10 Traditional Games of India. आइये अब कुछ और भी मजेदार खेल के बारे में जानते हे.

11. कुश्ती (मल्लयुद्ध)
भारत में कुश्ती का इतिहास बहुत पुराना है। पहले गाँवों में मिट्टी के अखाड़ों में कुश्ती खेली जाती थी। यह खेल ताकत, धैर्य और अनुशासन को विकसित करता है।
12. नवा वेपार
नवा वेपार गुजरात का एक पारंपरिक इनडोर खेल है, जिसे व्यापारिक सोच और गणितीय कौशल को विकसित करने के लिए खेला जाता है। इस खेल में बच्चे व्यापारियों की भूमिका निभाते हैं और वस्तुओं का आदान-प्रदान करते हैं। इसमें वस्तुओं की कीमत तय करना, मोलभाव करना और समझदारी से सौदा करना शामिल होता है। यह खेल बच्चों में तर्कशक्ति, निर्णय लेने की क्षमता और गणना करने की आदत को बढ़ावा देता है।
13. भमरडो
भमरडो खेल लट्टू के समान होता है। इसमें एक लकड़ी का लट्टू होता है जिसे रस्सी से लपेटकर तेजी से घुमाया जाता है। यह खेल संतुलन, हाथ की पकड़ और गति नियंत्रण को विकसित करने में सहायक होता है।
14. आंधलियो पाटो
यह खेल आँखों पर पट्टी बांधकर खेला जाता है। एक खिलाड़ी की आँखों पर पट्टी बांध दी जाती है, और बाकी खिलाड़ी उसके आसपास घूमते हैं। उसे बिना देखे बाकी खिलाड़ियों को पकड़ना होता है। यह खेल सुनने और स्पर्श से पहचानने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
15. राजा मंत्री चोर सिपाही
यह खेल चार खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है। एक खिलाड़ी राजा, दूसरा मंत्री, तीसरा चोर और चौथा सिपाही होता है। पासे या ताश के पत्तों की मदद से ये भूमिकाएँ तय की जाती हैं। राजा का काम सही चोर को पकड़वाना होता है, जबकि मंत्री को सही उत्तर देना होता है। यह खेल तर्कशक्ति और अनुमान लगाने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
निष्कर्ष – 10 Traditional Games of India
इन 10 Traditional Games of India खेलों ने एक समय में भारतीय बच्चों के बचपन को बेहद खास बनाया था। यह न केवल मनोरंजन का साधन थे, बल्कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में भी सहायक थे। आज के डिजिटल युग में हमें इन खेलों को फिर से बढ़ावा देना चाहिए, ताकि नई पीढ़ी भी इनका आनंद उठा सके और हमारी संस्कृति से जुड़ी रह सके।
क्या आपने इन खेलों को खेला है? अपने अनुभव हमारे साथ साझा करें!