गणेश चतुर्थी 2024 भारत के सबसे पूजनीय त्योहारों में से एक है, जिसे अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पवित्र पर्व भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है, जो बाधाओं को दूर करने वाले और ज्ञान, समृद्धि और नए शुरुआत के देवता के रूप में पूजे जाते हैं…
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परिचय
गणेश चतुर्थी, भारत के सबसे पूजनीय त्योहारों में से एक है, जिसे अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पवित्र पर्व भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है, जो बाधाओं को दूर करने वाले और ज्ञान, समृद्धि और नए शुरुआत के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। 2024 में, गणेश चतुर्थी [तारीख डालें] को मनाई जाएगी, जो दुनियाभर के लाखों भक्तों को एक साथ लाएगी।
महत्व
यह त्योहार का हिंदू धर्म में गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह त्योहार आमतौर पर 10 दिनों तक चलता है, जो भाद्रपद महीने की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है। भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है, की पूजा भक्तों द्वारा उनके घरों, परिवारों और व्यवसायों को आशीर्वाद देने के लिए की जाती है। नए कार्यों की शुरुआत से पहले गणेश जी का आशीर्वाद लिया जाता है, जिससे यह पर्व खासकर उद्यमियों, छात्रों और जीवन में नई शुरुआत करने वालों के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है।

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गणेश चतुर्थी 2024: तारीख और मुहूर्त
यह त्योहार [7 Sep 2024] से शुरू होगी, और मुख्य उत्सव चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक चलेगा, जिस दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है, जो उनके कैलाश पर्वत लौटने का प्रतीक है। गणेश चतुर्थी पूजा (आराधना) मध्यान्ह के समय की जाती है, जिसे सबसे शुभ समय माना जाता है। भक्त भगवान गणेश को मोदक, फूल और नारियल चढ़ाकर पूजा करते हैं।
गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त
चतुर्थी के दिन गणपति जी की पूजा दिन में 11 बजकर 03 मिनट से कर सकते हैं यह मुहूर्त दोपहर में 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
गणेश चतुर्थी की तैयारियां
यह त्योहार की तैयारियां हफ्तों पहले से शुरू हो जाती हैं। घरों की सफाई और सजावट की जाती है, जिसमें फूल, लाइट्स और रंगोली शामिल होते हैं। परिवार गणेश जी की मूर्तियां घर लाते हैं, जो मिट्टी या पर्यावरण अनुकूल सामग्री से बनाई जाती हैं। मुंबई, पुणे और अन्य बड़े शहरों में सार्वजनिक पंडाल बनाए जाते हैं, जहाँ सबसे प्रभावशाली गणेश मूर्ति और सजावट प्रदर्शित की जाती हैं।
रिवाज और परंपराएं
गणेश चतुर्थी के रिवाजों की शुरुआत प्राणप्रतिष्ठा से होती है, जिसमें गणेश की मूर्ति में जीवन का आह्वान किया जाता है। इसके बाद षोडशोपचार, या गणेश जी के 16 प्रकार से पूजन किया जाता है। भक्त गणेश जी को लाल फूल, दूर्वा घास, मोदक और नारियल अर्पित करते हैं, जिनका प्रतीकात्मक अर्थ होता है।
अंतिम दिन, जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, गणेश विसर्जन होता है। भक्त अपने प्रिय देवता को भावुक विदाई देते हैं, “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के नारे लगाते हैं।
गणेश चतुर्थी: पर्यावरण जागरूकता का पर्व
हाल के वर्षों में, गणेश चतुर्थी उत्सवों के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ी है, विशेष रूप से उन मूर्तियों के विसर्जन के संदर्भ में जो गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बनाई जाती हैं। इसके लिए, अब कई भक्त मिट्टी, पेपर माचे और अन्य स्थायी सामग्री से बनी इको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियों का उपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा, कई समुदाय प्लास्टिक का कम उपयोग, ध्वनि प्रदूषण को कम करना, और रंगोली के लिए जैविक रंगों के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
घर पर गणेश चतुर्थी मनाना
जो लोग घर पर गणेश चतुर्थी मना रहे हैं, उनके लिए यह पर्व पारिवारिक संबंधों और आध्यात्मिक जुड़ाव को मजबूत करने का एक अवसर है। परिवार रोज़ाना आरती के लिए एकत्र होते हैं और भजन गाते हैं, जबकि बच्चे गणेश जी की कथाओं में भाग लेते हैं। डिजिटल युग में, कई भक्त जो सार्वजनिक समारोहों में शामिल नहीं हो सकते, वे वर्चुअल पूजा और आरती में भाग लेते हैं, जिससे गणेश चतुर्थी की भावना दूर से भी मजबूत बनी रहती है।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी सिर्फ एक त्योहार नहीं है; यह जीवन, भक्ति और एकता का उत्सव है। यह भगवान गणेश के उन मूल्यों की याद दिलाता है—ज्ञान, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने की क्षमता। जब हम भगवान गणेश का अपने घरों और दिलों में स्वागत करने की तैयारी करते हैं, तो हमें यह जिम्मेदारी भी अपनानी चाहिए कि हम अपने परंपराओं और पर्यावरण का सम्मान करते हुए उत्सव मनाएं।
आपको और आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं!