भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में काफी गिरावट देखी गई है, खासकर स्मॉलकैप और मिडकैप सेक्टर में। इससे निवेशकों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या बाजार गिरावट के दौरान SIP रोकनी चाहिए?
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बाजार में गिरावट और SIP पर इसका प्रभाव
वर्तमान में, बाजार में गिरावट के कारण BSE स्मॉलकैप और निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में एक सप्ताह में क्रमशः 9% और 8.69% की गिरावट आई है। लगभग 70% स्मॉलकैप और मिडकैप शेयर अपनी 200-दिन की मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहे हैं, जो भारी बिकवाली का संकेत देता है।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में यह उतार-चढ़ाव अधिक मूल्यांकन, मैक्रोइकोनॉमिक चुनौतियों और निवेशकों की बदलती प्राथमिकताओं के कारण हो रहा है। हालांकि, निवेश पेशेवर लंबी अवधि के वित्तीय लाभ के लिए सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) बनाए रखने पर जोर देते हैं।
क्या बाजार गिरावट के दौरान SIP रोकनी चाहिए?
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गिरते बाजार में SIP रोकना ऐसा ही है जैसे कोई खिलाड़ी कठिन स्थिति में खेल छोड़ दे। एडलवाइस म्यूचुअल फंड ने इस विचार को और मजबूत किया, यह सलाह देते हुए कि बेहतर दीर्घकालिक लाभ के लिए निवेशकों को अपनी SIP जारी रखनी चाहिए।
एडलवाइस MF की CEO राधिका गुप्ता ने निवेशकों को घबराहट में लिए गए फैसलों से बचने की सलाह दी है, क्योंकि SIP लंबी अवधि की संपत्ति सृजन के लिए बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यदि SIP को 10, 12 या 20 वर्षों तक बनाए रखा जाए, तो इसके बेहतरीन फायदे होते हैं, जबकि जल्दी बाहर निकलने से संभावित अवसरों का नुकसान हो सकता है।
बाजार अस्थिरता पर विशेषज्ञों की राय
आनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक चिराग मुनी के अनुसार, बाजार की अस्थिरता घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों कारकों से प्रभावित हो रही है। इसमें कमजोर Q3 आय, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) निकासी, जापान की कैरी ट्रेड नीति, चीन का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स में उतार-चढ़ाव जैसी घटनाएं शामिल हैं।
स्क्रिपबॉक्स के CEO अतुल शिंगल का मानना है कि मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स अत्यधिक अस्थिर होते हैं, और उनमें 20-30% तक के उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। हालांकि, ऐतिहासिक डेटा दर्शाता है कि जब जनवरी 2018 से मार्च 2020 तक स्मॉलकैप 55% तक गिरा था, तो अगले 2-3 वर्षों में इसने 150% से अधिक की रिकवरी की।
SIP ट्रेंड्स और निवेशकों का व्यवहार
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बाजार में गिरावट के बावजूद SIP निवेश स्थिर बना हुआ है। जनवरी में स्मॉलकैप फंड्स में ₹5,721 करोड़ और मिडकैप फंड्स में ₹5,148 करोड़ का निवेश आया, जिससे यह साबित होता है कि निवेशक SIP से बाहर निकलने के बजाय डिप्स में खरीदारी कर रहे हैं।
मोतिलाल ओसवाल AMC के कार्यकारी निदेशक अखिल चतुर्वेदी ने पुष्टि की कि मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में SIP प्रवाह स्थिर बना हुआ है, और कोई बड़ी निकासी या घबराहट वाली बिक्री देखने को नहीं मिली है।
बाजार गिरावट के दौरान सही निवेश रणनीति
मॉर्निंगस्टार इंडिया के फंड रिसर्च निदेशक कौस्तुभ बेलापुरकर के अनुसार, SIP का उद्देश्य निवेशकों को नियमित निवेश की आदत बनाए रखने और मार्केट टाइमिंग के जोखिम से बचाने में मदद करना है। जनवरी में ₹39,688 करोड़ की इक्विटी फंड्स में शुद्ध निवेश प्रवाह हुआ, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दीर्घकालिक रणनीतियाँ स्थिर बनी हुई हैं।
मुनी का सुझाव है कि यदि बाजार 5-10% तक गिरता है, तो जिन निवेशकों के पास अतिरिक्त नकदी है, वे लंप सम निवेश करने पर विचार कर सकते हैं, जबकि SIP को जारी रखना चाहिए। इसके अलावा, पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखना आवश्यक है—एक आदर्श आवंटन हो सकता है:
✅ 50-55% लार्ज कैप में ✅ 20-25% मिडकैप में ✅ बाकी स्मॉलकैप में
इससे बाजार अस्थिरता का सामना करने में मदद मिलेगी।
अंतिम निर्णय: SIP रोकें या जारी रखें?
बाजार में गिरावट अस्थायी होती है, लेकिन नियमित निवेश ही दीर्घकालिक सफलता की कुंजी है। “क्या बाजार गिरावट के दौरान SIP रोकनी चाहिए?” इसका उत्तर स्पष्ट रूप से “नहीं” है।
इसके बजाय, निवेशित रहें, अपने पोर्टफोलियो को जरूरत के अनुसार पुनर्संतुलित करें, और डिप्स को रणनीतिक निवेश अवसरों के रूप में उपयोग करें। ऐसा करने से लंबी अवधि में मजबूत वित्तीय वृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है।
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